कोंदा-भैरा के गोठ

-राखी के मयारुक परब लकठियाथे तहाँ ले नवा-नवा जिनिस के राखी देखे ले मिल जाथे जी भैरा. -हव जी कोंदा.. हमर छत्तीसगढ़ ल धान के कटोरा कहे जाथे, एकरे प्रतीक स्वरूप अभी एक धान कलाकार ह धान के दाना मनला सुग्घर असन सजा के राखी बनाय हे. -राजिम के एक नोनी ह तो इहाँ के साग-भाजी मन के बीजा मनला सुग्घर असन सजा के राखी बनावत रिहिसे, फेर ए सबले मयारुक अउ भावविभोर करइया बात ए आय संगी के राजनांदगाँव के अभिलाषा दिव्यांग विद्यालय के लइका मन देश के सीमा म तैनात जवान मन बर हर बछर राखी बना के भेजथें. -अच्छा..! -हव जी पाछू 17 बछर ले इहाँ के लइका मन जे मन कोनो अस्थि बाधित हे, त कोनो दृष्टि बाधित हे.. कोनो कोनो के बौद्धिक विकास ही बने असन नइ हो पाए हे, तभो ए मन लगन अउ उत्साह के साथ राखी बनाय म भीड़े रहिथें. आठवीं के छात्रा साक्षी जेकर एक हाथ नइए, बताइस के वोहा एक हाथ ले राखी बनावय त सूत ह बिछल जावय, फेर धीरे धीरे अभ्यास करे ले अब 15-20 मिनट म एक राखी बना डारथे.

अगस्त 13, 2024 - 15:08
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कोंदा-भैरा के गोठ