यहाँ मंडराता है कौवों का झुंड, जैसे सूरज की पहली किरणों के साथ ही घर को जगाने आता है...., देखे वीडियो

सितम्बर 9, 2025 - 20:10
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कहा जाता है कि, “जब तक श्राद्ध में कौवे नहीं आएंगे, तब तक पितरों को भोजन कैसे पहुंचेगा?” हमारे समाज में कौवों का संबंध पितृ पक्ष से इतना गहरा है कि उनके बिना श्राद्ध अधूरा माना जाता है.  बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा के चितालंका इलाके के एक घर के आँगन मे कौवों का झुंड मंडराता है . उनकी कांव-कांव की आवाज में जैसे कोई संदेश छिपा होता है. आंगन में पसरते हुए सूरज की पहली किरणों के साथ ही कौवों का झुंड जैसे घर को जगाने आता है . वे सूखते अनाज को चुगते, आंगन में खेलते और आसमान में उड़ जाते हैं.