मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों के 7 लाख पेंशनर्स को राहत देने और मोदी की गारंटी को लागू करने की मांग

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को छत्तीसगढ़ प्रवास पर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ का ज्ञापन पहुंचाने का आग्रह के साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ रमन सिंह से उनके आवास में भेंट कर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर उनके ज्ञापन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास में 1 नवंबर 25 को राज्योत्सव एवं नवा रायपुर में विधानसभा के नवनिर्मित भवन के उदघाटन के अवसर पर उन तक पहुंचाने का आग्रह किया है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह से भेंट दौरान भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रतिनिधि मंडल में प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव के साथ कार्यकारी अध्यक्ष जे पी मिश्रा, महामंत्री अनिल गोल्हानी, कोषाध्यक्ष बी एस दसमेर, संभागीय अध्यक्ष प्रवीण कुमार त्रिवेदी, रायपुर जिला अध्यक्ष आर जी बोहरे तथा दैनिक वेतन भोगी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अनिल पाठक आदि शामिल थे। जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम विधान सभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह को दिए गए ज्ञापन में उनके छत्तीसगढ़ प्रवास का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री को अवगत कराया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण हेतु केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक्ट "मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000" के तहत 74:26 अनुपात में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य का पुनर्गठन किया गया है। इस अधिनियम के पृष्ठ संख्या 33 के छठवीं अनुसूची धारा 49 में "पेंशनों की बाबत दायित्व का प्रभाजन" शीर्षक के पैरा 3 के अनुसार दर्शित प्रावधानों के बाध्यता के तहत दोनों राज्य पेंशनरी दायित्वों के भुगतान हेतु बजट का निर्वहन करने हेतु आपसी सहमति लेते हैं। तदोपरांत दोनों राज्य पेंशनर्स को महंगाई राहत (डीआर) का भुगतान हेतु आदेश जारी करते हैं। हर बार सहमति में विलंब होने के कारण केंद्र के द्वारा देय तिथि और दर पर दोनों राज्य के लगभग 7 लाख बुजुर्ग पेंशनर्स जिसमें मध्यप्रदेश के लगभग 5.30 लाख और छत्तीसगढ़ के लगभग 1.30 लाख पेंशनर्स शामिल है, इनको समय पर महंगाई राहत का भुगतान नहीं होता। दोनों राज्य सरकारों बीच आपसी सहमति के अभाव में महंगाई राहत का विगत 6 वर्षों में 71 माह का एरियर राशि का भुगतान नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि दोनों राज्य में विधानसभा चुनाव में "मोदी की गारंटी" में किए गए वायदा कि भाजपा सरकार बनने पर "डीए डीआर" केंद्र सरकार द्वारा देय तिथि और दर से दिया जाएगा। इसका पालन नहीं हो रहा है। दोनों राज्य में जिम्मेदार आई ए एस अधिकारियों द्वारा कहा जाता है कि मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 के कारण दोनों राज्य सरकारों के सहमति की अनिवार्य बाध्यता है। यह केंद्र सरकार का एक्ट है इसलिए यह तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार द्वारा इसे विलोपित नहीं किया जाता है। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश ने अपने ज्ञापन में प्रधानमंत्री से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 7 लाख बुजुर्ग पेंशनरों के हित में मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49(6) को विलोपित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है।

अक्टूबर 28, 2025 - 10:18
अक्टूबर 28, 2025 - 10:26
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मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों के 7 लाख पेंशनर्स को राहत देने और मोदी की गारंटी को लागू करने की मांग
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों के 7 लाख पेंशनर्स को राहत देने और मोदी की गारंटी को लागू करने की मांग