न्यूयॉर्क में देखी गयी छत्तीसगढ़ की विरासत, “छत्तीसगढ़ के भीम : चिंताराम” ने रचा नया अध्याय

रायपुर (मुकेश टिकरिहा) छत्तीसगढ़ की धरती से निकली एक सच्ची और प्रेरक कहानी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कर चुकी है। राज्य के जननायक और समाजसेवी दाऊ चिंताराम टिकरिहा के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म “छत्तीसगढ़ के भीम : चिंताराम” का चयन अमेरिका के प्रतिष्ठित इजिप्शियन अमेरिकन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुआ है। इस वर्ष फेस्टिवल को 154 देशों से 2,974 फिल्मों की प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद मात्र 8 भारतीय फिल्मों को अंतिम सूची में शामिल किया गया और छत्तीसगढ़ की यह डॉक्यूमेंट्री उनमें से एक रही। फिल्म का प्रदर्शन 2 नवम्बर 2025 को न्यूयॉर्क के स्टेटन आइलैंड स्थित सेंटर फॉर द आर्ट्स परफॉर्मिंग थिएटर में किया गया। अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस फिल्म को उसकी मौलिकता, शोधपूर्ण प्रस्तुति और सामाजिक संदेश के लिए सराहा गया। फिल्म का निर्देशन एस अंशु धुरंधर ने किया है, जिन्होंने लगभग नौ वर्षों तक अनुसंधान और तीन वर्षों के गहन फिल्मांकन के बाद इस कृति को रूप दिया। फिल्म में 245 से अधिक लोगों के साक्षात्कार शामिल हैं, जो दाऊ चिंताराम के जीवन के विविध पहलुओं को प्रमाणिकता के साथ सामने लाते हैं। दाऊ चिंताराम टिकरिहा को जनता “छत्तीसगढ़ के भीम” के नाम से जानती है। उन्होंने अपने जीवन को समाज की सेवा, शिक्षा के प्रसार, और असहायों की सहायता के लिए समर्पित कर दिया था। उनके नेतृत्व में तुरतुरिया मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ, जो आज भी सामाजिक एकता और श्रद्धा का प्रतीक है। निर्देशक एस अंशु धुरंधर का कहना है, “यह फिल्म केवल इतिहास नहीं बताती, बल्कि यह दिखाती है कि एक व्यक्ति की निस्वार्थ सेवा किस प्रकार समाज की दिशा बदल सकती है।” अमेरिका में हुई इस उपलब्धि ने छत्तीसगढ़ के सिनेमा जगत को नई ऊर्जा दी है। यह प्रमाण है कि प्रदेश की कहानियाँ अब वैश्विक स्तर पर भी अपनी प्रासंगिकता और गहराई के साथ स्वीकार की जा रही हैं। “छत्तीसगढ़ के भीम : चिंताराम” न केवल एक डॉक्यूमेंट्री है, बल्कि यह उस जीवन दर्शन की झलक है जो सेवा, त्याग और मानवीय मूल्यों पर आधारित है। जब एक स्थानीय कथा इतनी सच्चाई से कही जाती है, तो वह पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बन जाती है।

नवंबर 8, 2025 - 21:34
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न्यूयॉर्क में देखी गयी छत्तीसगढ़ की विरासत, “छत्तीसगढ़ के भीम : चिंताराम” ने रचा नया अध्याय
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