अमलेशवर नगर पालिका में 19 लाख 12 हजार रुपये से होगा गौठान का संरक्षण , राज्य सरकार इस पुराने नाम की जगह गौधाम करने की तैयारी में ,घुमंतू आवारा पशुओ का होगा यहाँ देखरेख

अमलेशवर ( Ashwani Sahu ) -: नगर पालिका अमलेश्वर में नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी योजना में गौठान बनाने के लिए 19 लाख ₹12,000 की राशि जारी कर दिए गए इस राशि से पुराने गौठान का संरक्षण एवं नवीनीकरण किया जाएगा , जिससे कि सड़कों व चौक में रहने वाले घुमंतू आवारा किस्म के जानवरों से लोगों को मुक्ति मिलेगा इस प्रकार के जानवरों का अधिकतर मुख्य सड़क मार्ग में बैठने से दुर्घटना की संभावना हमेशा बना रहता हैं ,जिससे भी आम लोगों को राहत मिलेगा ,राज्य सरकार पुराने नरवा ,गरवा ,घुरवा बाड़ी योजना को नए सिरे से विकसित करने के प्रयास कर रहे हैं ,और इसी कड़ी में प्रदेश के बहुत से नगरपालिका व पंचायतो को गौठानों का नवीनीकरण करने के लिए राशि जारी कर दिए गए हैं , इस राशि से जानवरो को रखने के लिये आवश्यक सेड ,बिजली ,पानी व चारे की व्यवस्था किया जायेगा ,जिससे कि पशुओ को सुरक्षित ढंग से रखा जा सके ,यहाँ चरवाहों और गौसेवको को मासिक मानदेय दिया जायेगा ,शासन स्तर पर बीच बीच में मानिटिरिंग किया जायेगा और बेहतर संचालन करने वाले गौठान समिति को रैंकिंग के साथ प्रोत्साहित करने के लिये ईनाम स्वरूप अलग से राशि भी दिये जाने की योजना बनाया जा रहा हैं । *गौठानो को रोजगार मूलक बनाये जाने पर दिया जाना चाहिये जोर* इस योजना को बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने की जरूरत हैं , जहां चरवाहों व गौ सेवकों को आवश्यक राशि वेतन मिलना चाहिए साथ ही वहां गोबर से वर्मी कंपोस्ट, वर्मी खाद ,कंडे व गोबर से अन्य उत्पाद बनाई जानी चाहिए साथ ही वहां रखने वाले पशुओं का भी उचित देखरेख कर दुधारू युक्त गाय बनाई जानी चाहिए जिससे वहां प्राकृतिक दूध, दही भी लोगों को मिल सके और लोग वहां जाकर आवश्यक दूध व दही भी खरीद सके जिससे कि लोगों को प्राकृतिक ढंग से दूध दही भी मिलेगा और वहां कार्य करने वाले सेवकों को भी लंबे समय तक मासिक वेतन रोजगार मिलता रहेगा । *गौठान के चारों ओर फलदार पौधे भी लगाया जाय* गौठान परिसर के किनारे किनारे फलदार पौधे आम ,जामुन ,अमरूद (जाम ) ,नीबू ,नारियल ,करौंदा जैसे हाइब्रिड किस्म के पौधे भी लगाई जानी चाहिये जिससे कि ये जल्दी फल लगने पर गौठान प्रबंधन समिति को फलों के माध्यम से भी आर्थिक लाभ मिल सकता हैं , रोजगार के साधन में बढोत्तरी हो सकता हैं ,साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी उपयोगी होगा । *किसान भाई पैरा दान जरूर करे* किसान भाइयों को अपने-अपने गांव के गौठानो के लिए पैरा की दान जरूर करना चाहिए , अभी वर्तमान समय में धानों की कटाई अक्सर हार्वेस्टर मशीन से ही हो रहा है जिसके कारण से पैरा खेत में ही छूट जा रहा है अक्सर किसान भाई धान को ही घर लाते हैं और पैरा खेत में ही छोड़ देते हैं और बाद में उसे वहीं पर जला देते हैं जिससे कि पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ता है और हमारे खेत में रहने वाले उपयोगी जरूरी कीट भी उसी में जलकर मर जाते हैं जैसे कि केंचुआ , मेंढक ,साँप व अन्य कीड़े मकोड़े जो किसान भाइयों के फसलों के लिए भी उपयोगी हैं , साथ ही पैराली जलाने से मिट्टी कठोर हो जाता हैं ,जिससे उसकी ऊर्वरक क्षमता भी प्रभावित हो जाता हैं , इसलिए किसान भाइयों को यथासंभव पैरा को अपने गौठानो में लाकर मदद करना चाहिए जिससे कि हमारे गौठान में पशुओ के लिये चारे की व्यवस्था हो सके , जिससे गौठान योजना बेहतर ढंग से संचालित हो सके ।

नवंबर 28, 2025 - 14:20
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अमलेशवर नगर पालिका में 19 लाख 12 हजार रुपये से होगा गौठान का संरक्षण , राज्य सरकार इस पुराने नाम की जगह गौधाम करने की तैयारी में ,घुमंतू आवारा पशुओ का होगा यहाँ  देखरेख