कोंदा-भैरा के गोठ

-आज के वैज्ञानिक युग म भले लोगन दैवीय आस्था अउ चमत्कार ल कमती पतियाथें, तभो एला साक्षात देखे जा सकथे जी भैरा. -ए बात ल तो महूं आकब करे हौं जी कोंदा.. कतकों अइसन मंदिर देवाला अउ सिद्ध स्थल हे, जिहां लोगन जाथें अउ श्रद्धा के फल पाथें तब तो पतियाए बर लागथेच. -हव जी अइसने सक्ती जिला के जैजैपुर विकासखण्ड म कैथा नॉव के गाँव हे जिहां शेषनाग धारी भगवान शिव के मंदिर हे, एला बिरतिया बबा मंदिर घलो कहिथें. मान्यता हे के ए मंदिर म पूजा करे अउ परसाद खाए ले कइसनो जहरीला साॅंप के जहर ह उतर जाथे. -महूं अपन एक संगी ले इहाँ के महिमा सुने रेहेंव संगी.. वो बतावत रिहिसे के बिरतिया बबा मंदिर के प्रभाव के सेती ए गाँव वाले मनला कभू सॉंप बिच्छी नइ चाबय. -सही आय.. आने गाँव के मन घलो सॉंप के चाबे म कैथा गाँव जाथें अउ उहाँ के सरहद म प्रवेश करते माटी ल खवा देथें.. वो गाँव के माटी के खाए ले ही सॉंप के जहर उतर जाथे. -हव जी..नाग देवता के ए जगा बिराजे अउ आशीष दे के संबंध म बड़का कहानी बताथें... जिहाँ हर बछर नागपंचमी के दिन जबर मेला भराथे. जय हो बिरतिया बबा.. नागपंचमी जोहार.

अगस्त 9, 2024 - 23:31
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कोंदा-भैरा के गोठ