छत्तीसगढ़ में बढ़ी सड़क दुर्घटनाएं: 8 महीने में 10 हजार हादसे, 4 हजार मौत

छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन में परिवहन मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, विधायक अनुज शर्मा समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता... बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी। जनवरी से अगस्त 2025 के बीच राज्य में 10,431 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.23% अधिक हैं। 9,132 लोग घायल हुए, 4,770 की मौत हुई — यह क्रमशः 8.64% और 2.51% की वृद्धि को दर्शाता है। मंत्री केदार कश्यप ने इस वृद्धि पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनसंख्या के आधार पर जिलावार विश्लेषण कर दुर्घटनाओं की रोकथाम के ठोस उपाय करें। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के सफल मॉडल अपनाए जाएं और हेलमेट-सीट बेल्ट के बिना वाहन चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो। स्कूल-कॉलेज में छात्रों को बिना हेलमेट प्रवेश न मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। बैठक में यह तथ्य भी सामने आया कि राज्य के 33 जिलों में जिला सड़क सुरक्षा समितियों की 264 तय बैठकों में से केवल 108 ही हुईं। मंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए फटकार लगाई और कहा कि हर जिले में मासिक बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित कर उसकी रिपोर्ट MORTH पोर्टल पर अपलोड की जाए। प्रवर्तन कार्यों में वृद्धि: जनवरी से अगस्त 2025 तक पुलिस विभाग ने 6.03 लाख मामलों में 26.95 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला, जबकि परिवहन विभाग ने 5.55 लाख चालानों से 115.54 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की। पुलिस कार्रवाई पिछले साल की तुलना में 50% अधिक रही। ब्लैक स्पॉट और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार: राज्य के 1000 ब्लैक स्पॉट में से 887 का सुधार कार्य पूर्ण हो चुका है, 113 पर कार्य जारी है। 4273 जंक्शनों में से 3148 सुधारे गए, जबकि 1125 पर कार्य प्रगति पर है। 55 ट्रक ले-बाय में से 42, 558 बस ले-बाय में से 374, और 11 रेस्ट एरिया में से 7 पूर्ण हो चुके हैं। मंत्री ने शेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की रिपोर्ट: स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि रायपुर और सिमगा में ट्रॉमा स्टेब्लाइजेशन सेंटर शुरू हो चुके हैं, अन्य निर्माणाधीन हैं। मंत्री ने कहा कि दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस इलाज का लाभ तत्काल मिले। शिक्षा विभाग ने बताया कि सड़क सुरक्षा विषय को कक्षा 1 से 10 तक के पाठ्यक्रम में जोड़ा जा रहा है, जो सत्र 2025–26 से लागू होगा। जनजागरूकता अभियान: स्कूलों में निबंध, वाद-विवाद, चित्रकला, क्विज, रैली और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सड़क सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए गए। NSS, NCC और स्काउट-गाइड स्वयंसेवकों को भी सड़क सुरक्षा अभियानों में शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षण और प्रवर्तन पर जोर: राज्य में अब तक 32,326 लोगों को ड्राइविंग प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 8 ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटरों में 1.97 लाख वाहनों की जांच की गई। मंत्री ने कहा कि वाहन विक्रेता केवल प्रशिक्षित ड्राइवरों को ही वाहन बेचें, और ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के लाइसेंस रद्द किए जाएं। उन्होंने वाहनों में स्पीड लिमिट डिवाइस और डैशबोर्ड कैमरा की नियमित जांच के निर्देश भी दिए। मंत्री की अपील: अंत में मंत्री केदार कश्यप ने कहा- “सड़कें सबकी हैं, सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है। नियमों का पालन करें, संयम से वाहन चलाएं, मोबाइल पर बात या नशे की हालत में ड्राइव न करें। हेलमेट और सीट बेल्ट हमेशा लगाएं। दुर्घटना में घायल की मदद करें — सरकार ‘सड़क सुरक्षा मितान’ का सम्मान करेगी।”

अक्टूबर 22, 2025 - 19:37
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