बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के अंतर्गत गुरुकुल महिला महाविद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

अप्रैल 23, 2025 - 12:57
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बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के अंतर्गत गुरुकुल महिला महाविद्यालय में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, गुरुकुल महिला महाविद्यालय, रायपुर द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ के सहयोग से "बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान" के अंतर्गत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रात्रि लहरी ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया की,इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत छात्राओं एवं आमजन को इस सामाजिक कुरीति के दुष्प्रभावों से अवगत कराना था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती शैल ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, रायपुर ने बाल विवाह की वर्तमान स्थिति, रोकथाम के उपाय और सरकार की सक्रिय भूमिका पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर, प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट, CWC, रायपुर ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धाराओं और उससे संबंधित कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाल विवाह कानूनन अपराध है और इसमें कठोर सजा का प्रावधान है। साथ ही गीत के माध्यम से भी छात्राओं को जानकारी दी। श्री संजय निराला, संरक्षण अधिकारी, ने टोल फ्री नो चाइल्ड हेल्प लाइन न 1098 व वीमेन हेल्प लाइन न 181 की जानकारी दी। श्री विपिन ठाकुर, राज्य समन्वयक – ने बाल विवाह के कारण बालकों के जीवन पर पड़ने वाले सामाजिक, मानसिक व शारीरिक प्रभावों पर गंभीर रूप से चर्चा की। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. संध्या गुप्ता ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बाल विवाह के उन्मूलन हेतु छात्राओं से जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की एनएसएस इकाई के छात्र-छात्राओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम में प्रश्नोत्तर सत्र और रचनात्मक गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं, जिससे प्रतिभागियों में विषय को लेकर जागरूकता और भी गहरी हुई। सरकार ने इसे रोकने के लिए कानून बनाये है लेकिन असली बदलाव तब आएगा जब हम सब जागरूकता होंगे। बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाना, और बच्चों को पढ़ाई व सम्मान से जीने का हक दिलाना यही हमारा कर्तव्य है यह कार्यक्रम बाल अधिकारों की रक्षा और एक सुरक्षित समाज के निर्माण की दिशा में महाविद्यालय की एक महत्वपूर्ण पहल रही।