कोंद-भैरा के गोठ

-गणपति महराज के आरती म कहे गे हवय जी भैरा- एक दंत दयावंत चार भुजा धारी, माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी। माने गणेश जी के एक दॉंत हे, जेन दयालु हें, उंकर चार भुजा हे। उंकर माथा म सिंदूर शोभा देथे, अउ मुसवा के सवारी हे.. फेर अभी देखे म आवत हे के कुछ मूर्तिकार मन उंकर आॅंय बॉंय मूर्ति बना के उनला अपमानित करत हावयं. -हव जी कोंदा.. हमर रायपुर म पहिली घलो अइसने देखे ले मिलत रिहिसे, तब इहाँ के कुछ धार्मिक संगठन वाले मन अइसन मूर्ति बनाने वाला मन के खिलाफ थाना म एफआईआर करवाए रिहिन हें, तब जाके सिक्स पैक वाला, राधा कृष्ण के रूप धरे वाला, पतंग उड़ाने वाला, क्रिकेट खेलने वाला जइसन मूर्ति बनाने वाला मन चेते रिहिन हें, अब 10-12 बछर बाद फेर इहाँ अइसने मूर्ति बनत दिखत हे. - कोनो भी देवता धामी के मूर्ति ल वोकर मूल स्वरूप म ही बनाए जाना चाही जी, जे मन देवता ल हॅंसी मजाक अउ तमाशा के माध्यम बनाए के उदिम करथें, उंकर खिलाफ पुलिस कार्रवाई करवाए जाना चाही.

सितम्बर 3, 2024 - 14:05
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कोंद-भैरा के गोठ