जीवन भर मुस्कान बांटते रहे, आज आंखें नम कर गए...

जून 26, 2025 - 17:35
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जीवन भर मुस्कान बांटते रहे, आज आंखें नम कर गए...

 कवि कुमार विश्वास और डिप्टी CM विजय शर्मा ने दी श्रद्धांजलि

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हास्य कवि और पद्मश्री सम्मान से अलंकृत सुरेंद्र दुबे का सोमवार को निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उन्हें हार्ट अटैक आने के बाद रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (ACI) में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर सामने आते ही पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। साहित्य जगत, राजनीतिक मंच और उनके लाखों प्रशंसक इस क्षति से गमगीन हैं।छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कवि सुरेंद्र दुबे के निधन पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने अपने आधिकारिक ‘X’ अकाउंट पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा:
“सुरेंद्र जी जीवन भर मुस्कान बांटते रहे, आज आंखें नम कर गए।
छत्तीसगढ़ की माटी से लेकर विश्व मंच तक अपनी विशिष्ट कविताओं से पहचान बनाने वाले महान कवि श्री सुरेंद्र दुबे जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है।

ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोक संतप्त परिजनों और उनके असंख्य प्रशंसकों को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें।

आपकी कविताएं सदैव हमारे हृदय में जीवित रहेंगी।

ॐ शांति।”
प्रसिद्ध कवि और लेखक डॉ. कुमार विश्वास ने भी सुरेंद्र दुबे के निधन पर गहरा शोक जताया। उन्होंने लिखा-

“छत्तीसगढ़ी भाषा व संस्कृति के वैश्विक राजदूत, मुझे सदैव अनुजवत स्नेह देने वाले, बेहद ज़िंदादिल मनुष्य, कविश्रेष्ठ पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे जी का निधन सम्पूर्ण साहित्य-जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
मेरे हृदय के रायपुर का एक हिस्सा, आपकी अनुपस्थिति को सदैव अनुभव करेगा भैया।
प्रिय @ashutoshdubeyji व पूरे परिवार को ईश्वर इस आघात को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
???? ॐ शांति ॐ”
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा:

    “हास्य कविताओं के लेखक, छत्तीसगढ़ के विख्यात कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे जी के निधन का समाचार अत्यंत ही दुःखद एवं पीड़ादायक है।
    उनका जाना पूरे साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनका श्रोता रहा हूं, ये मेरे लिए भी व्यक्तिगत क्षति है।
    परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना है पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
    ॐ शांति।”

पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे की जीवन

पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का जन्म 8 जनवरी 1953 को छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में हुआ था। भारतीय साहित्य के साथ ही छत्तीगसढ़ी भाषा में उनकी पकड़ बेहद मजबूत थी। उन्होंने पांच किताबें लिखी हैं और कई मंचो और TV शो पर दिखाई दिए हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2010 में, देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

इससे पहले पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे को वर्ष 2008 में काका हाथरसी से हास्य रत्न पुरुस्कार प्राप्त हुआ था। वर्ष 2012 में पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान, अट्टहास सम्मान और संयुक्त राज्य अमेरिका में लीडिंग पोएट ऑफ इंडिया सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।
विदेशों में भी मिला सम्मान

बता दें, पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे ने छत्तीसगढ़ की माटी से लेकर देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी कविताओं से सबका दिल जीता है। उन्हें अमेरिका (America) के वाशिंगटन (Washington) में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी एसोसीएशन द्वारा आयोजित समारोह में पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे को हास्य शिरोमणि सम्मान 2019 से सम्मानित किया गया था।

पद्मश्री डॉक्टर सुरेंद्र की रचनाओं पर देश के 3 विश्वविद्यालयों ने पीएचडी की उपाधि भी प्रदान की है, जो उनकी साहित्यिक और अकादमिक उपलब्धियों की पुष्टि करती है।