पेंशनरों को ट्रेज़री के मकड़ जाल से मुक्त करने सभी संभाग और जिलों में पृथक पेंशन कार्यालय खोलने की मांग

पेंशन संचालनालय दिखावटी बन कर रह गया है - वीरेन्द्र नामदेव पेंशनरों को ट्रेज़री से मुक्त करने के लिए सभी संभाग और जिलों में पेंशन कार्यालय खोलने की मांग की जा रही है। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के अधिवेशन में यह मांग उठाई गई है ताकि पेंशनरों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए ट्रेज़री के चक्कर न काटने पड़ें। जिलों में पेंशन कार्यालय न होने से पेंशन संचालनालय के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। ऐसा न हो कोई अधिकारी अपनी सनक में आकर पेंशन संचालनालय को ही खत्म कर दे तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा। जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने बताया है कि मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में यह प्रथा लागू है जहां पेंशनर्स की ट्रेज़री में होने वाली भ्रष्टाचार,शोषण और प्रकरण के निराकरण में देरी को लेकर ट्रेज़री के मकड़जाल चंगुल से पेंशनरों को बचाने संभाग और जिला स्तर पर पेंशन कार्यालय खोले गए है। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीससेगढ़ प्रदेश की मांग पर इंद्रावती भवन नया रायपुर में लगभग 3 साल पहले अलग से पेंशन संचालनालय का सेटअप स्वीकृत कर खोला गया है जिसमें प्रथम पेंशन संचालक नम्रता गांधी को नियुक्त किया गया था। इसे लेकर पेंशनर महासंघ ने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति आभार जताया था और उम्मीद जाहिर किया था कि संभाग और जिला में भी शीघ्र पृथक पेंशन कार्यालय खोले जाएंगे। पेंशन संचालनालय शुरू होने बाद पिछले तीन वर्षों में इस दिशा कोई काम नहीं हुआ है और संभागीय व जिला पेंशन कार्यालय के बिना पेंशन संचालनालय औचित्यहीन बनकर रह गया है। संभाग और जिला स्तर पर पेंशनर्स का शोषण ट्रेज़री और विभाग के मिलीभगत से आज भी जारी है। यह भी उल्लेखनीय है कि आई ए एस नम्रता गांधी के जाने के बाद पेंशन संचालक का केबिन शो पीस बन कर रह गया है क्योंकि वहां बैठने वाला कोई अधिकारी नहीं है और संचालक कोष लेखा को ही प्रभारी पेंशन संचालक का प्रभार में रखे जाने से पृथक पेंशन संचालनालय का कोई मतलब का नहीं रह गया है यह दिखावटी बनकर रह गया है। जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्र तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों के पदाधिकारी क्रमशः बी के वर्मा दुर्ग, आई सी श्रीवास्तव राजनांदगांव, डी आर गजेन्द्र बालोद, वाई के डिंडोरे बेमेतरा, प्रकाश गुप्ता कबीरधाम , रामेंद्र तिवारी मानपुर मोहला अम्बागढ़ चौकी, चित्र दत्त दुबे खैरागढ़ छुईखदान गंडई, आर जी बोहरे रायपुर, रिखी राम साहू महासमुंद, डी के पाठक धमतरी, लखनलाल साहू गरियाबंद , खोड़स राम कश्यप बलौदाबाजार - भाटापारा, राकेश जैन बिलासपुर, परमेश्वर स्वर्णकार जांजगीर चांपा, एम एल यादव कोरबा,डी एन साहू सारंगढ़ बिलाईगढ़, ए एस गौराहा रायगढ़, बी एल परिहार मुंगेली, आर ए शर्मा गौरेला पेंड्रा मरवाही, पुरषोत्तम उपाध्याय सक्ती,आर एन ताटी जगदलपुर, ओ पी भट्ट कांकेर, पी एन उड़कुडे दंतेवाड़ा,आर डी झाड़ी बीजापुर, शंभूनाथ देहारी नारायणपुर, शेख कासिमुद्दीन खान सुकमा, एस के धातोडे कोंडागांव, माणिक चंद्र अंबिकापुर, प्रेमचंद गुप्ता बैकुंठपुर,रमेश नंदे जशपुर, संतोष ठाकुर सूरजपुर, तथा रायपुर संभाग में प्रवीण कुमार त्रिवेदी, बिलासपुर संभाग में राजेश कुमार कश्यप, दुर्ग में भूपेंद्र कुमार वर्मा, बस्तर संभाग में रामनारायण ताटी, सरगुजा संभाग में गुरुचरण सिंह और छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय एवं प्रांतीय पदाधिकारी श्रीमती द्रौपदी यादव, पूरन सिंह पटेल, अनिल गोल्हानी, टी पी सिंह, बी एस दसमेर, प्रदीप सोनी आदि ने ने सरकार से मांग किया है कि ट्रेज़री के मकड़ जाल से बचाकर सेवानिवृत कर्मचारियों को शोषण मुक्त करने हेतु संभाग और जिलों में तुरंत पेंशन कार्यालय खोले जाएं।

सितम्बर 3, 2025 - 15:52
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पेंशनरों को ट्रेज़री के मकड़ जाल से मुक्त करने सभी संभाग और जिलों में पृथक पेंशन कार्यालय खोलने की मांग