दूध-रोटी से लेकर कार-दवाओं तक, सब पर नया GST!

जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए बड़े फैसलों ने जनता, किसानों, कारोबारियों और उद्योग जगत को सीधा असर डालने वाले कई बदलाव किए हैं। नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। बैठक के बाद केंद्र सरकार ने कपड़ा, किसान, परिवहन, बीमा, स्वास्थ्य, मनोरंजन, ऑटोमोबाइल, कोयला और सौंदर्य प्रसाधन समेत 18 अहम सवालों पर स्पष्टीकरण दिया। जीएसटी काउंसिल ने अप्रत्यक्ष करों की दरों में ऐतिहासिक सुधार करते हुए चार की जगह अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब को मंजूरी दे दी। काउंसिल में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने आम सहमति से जीएसटी की सिर्फ दो दरों, 5 और 18 फीसदी को मंजूरी दी। पनीर, छेना, टेट्रापैक दूध, रोटी, चपाती परांठा, खाकरा जैसी आम लोगों से जुड़ी खाद्य वस्तुओं, दुर्लभ बीमारियों और कैंसर की दवाओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पॉलिसियों को भी करों से छूट दे दी गई है। इसकी लंबे अरसे से मांग उठ रही थी। वहीं, फास्ट फूड, धनाढ्य वर्ग के उपभोग में आने वाली लग्जरी कारों समेत शराब, तंबाकू जैसी चुनिंदा विलासिता की एवं जीवन के लिए हानिकारक वस्तुओं के लिए 40 फीसदी का विशेष कर स्लैब बनाया गया है। खेल और मनोरंजन IPL और अन्य मान्यता प्राप्त खेल आयोजनों में टिकट की कीमत ₹500 तक होगी टैक्स-फ्री। यदि टिकट ₹500 से अधिक का है, तो 18% GST लागू रहेगा। सरकार का कहना है कि यह बदलाव जनसाधारण को राहत देने और बड़े आयोजनों से उचित राजस्व वसूलने के लिए है। भोजन और कृषि डेयरी दूध व UHT दूध – अब पूरी तरह GST मुक्त। प्लांट-बेस्ड दूध ड्रिंक्स (बादाम, सोया, ओट्स, राइस मिल्क) – पहले 12-18% टैक्स, अब सिर्फ 5%। भारतीय ब्रेड (रोटी, पराठा, परोट्टा, पिज्जा ब्रेड) – अब सभी पर GST से छूट। अन्य खाद्य उत्पाद – अब केवल 5% टैक्स लगेगा। पैक पनीर पर GST जारी, लेकिन खुला पनीर टैक्स-फ्री। असली शहद पर कम, जबकि कृत्रिम शहद पर ज्यादा टैक्स लगेगा। किसान और कृषि उपकरण सिंचाई मशीन, थ्रेशर, कटाई मशीन, खाद बनाने वाली मशीनें – टैक्स 12% से घटाकर 5%। छोटे कृषि ट्रैक्टर पूरी तरह टैक्स फ्री नहीं, लेकिन टैक्स घटाकर किसानों को राहत दी गई। ऑटोमोबाइल छोटी कारें (पेट्रोल, CNG, LPG, डीजल) – पहले 28%, अब सिर्फ 18% GST। परिभाषा: पेट्रोल, CNG, LPG कारें – इंजन 1200cc और लंबाई 4000 मिमी तक। डीजल कारें – इंजन 1500cc और लंबाई 4000 मिमी तक। स्वास्थ्य और चिकित्सा लगभग सभी मेडिकल, डेंटल और सर्जरी उपकरणों पर सिर्फ 5% GST। दवाओं पर पूरी तरह छूट नहीं, ताकि कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ मिलता रहे और दवाइयों की लागत न बढ़े। सौंदर्य और दैनिक उपभोग टॉयलेट सोप (बार) – अब सिर्फ 5% टैक्स। तरल साबुन पर अलग टैक्स, क्योंकि यह अलग वर्ग द्वारा प्रयोग होता है। फेस पाउडर और शैंपू – अब 5% टैक्स, पहले 18%। सौंदर्य और स्वास्थ्य सेवाएँ – 18% से घटाकर 5%, लेकिन ITC का लाभ नहीं। पेय पदार्थ और लग्ज़री आइटम फलों वाले कोल्ड ड्रिंक पर टैक्स बढ़ाया गया, ताकि सेस हटने के बाद राजस्व संतुलित रहे। बिना अल्कोहल वाले पेय पदार्थ – अब 40% टैक्स। सरकार का तर्क है कि यह वर्गीकरण विवाद खत्म करेगा। सिगरेट, बीड़ी, जर्दा और तंबाकू उत्पाद – पुरानी दरें ही जारी रहेंगी, जब तक मुआवजा सेस से जुड़े कर्ज पूरे नहीं हो जाते। सरकार का तर्क केंद्र सरकार का कहना है कि यह बदलाव सिस्टम को सरल, उपभोक्ता-हितैषी और पारदर्शी बनाने के लिए किए गए हैं। आम उपभोक्ताओं को दैनिक जरूरत की चीजों पर राहत मिलेगी। किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सस्ती मशीनों और उपकरणों से लाभ होगा। लग्ज़री और हानिकारक वस्तुओं पर टैक्स बोझ कायम रहेगा।

सितम्बर 4, 2025 - 17:06
 0  24
दूध-रोटी से लेकर कार-दवाओं तक, सब पर नया GST!