अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर ‘माई भारत रायपुर’ ने जोड़े पीढ़ियों के दिल: वृद्धाश्रमों में तीन दिवसीय स्वयंसेवी कार्यक्रम

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर माई भारत रायपुर ने युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के तत्वावधान में शहर के विभिन्न वृद्धाश्रमों में तीन दिवसीय स्वयंसेवी सहभागिता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में माई भारत एवं एनएसएस के 30 से अधिक स्वयंसेवक शामिल हुए, जिन्होंने चितवन हैप्पी होम, प्रशामक देख-रेख गृह और मनुहार जीवन कल्याण वृद्ध निवास में 60 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों के साथ संवाद और सहभागिता की। इस अवसर पर माई भारत के उपनिदेशक अर्पित तिवारी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को संगठित रूप से सेवा कार्य करने का अवसर देना था, ताकि वे वृद्धाश्रमों में रह रहे वरिष्ठ नागरिकों से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल बुज़ुर्गों के भावनात्मक स्वास्थ्य को साथ-संगति, सांस्कृतिक और मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से सुदृढ़ करने का प्रयास है, बल्कि इससे युवाओं और वरिष्ठ पीढ़ी के बीच आपसी सम्मान और पीढ़ियों के बीच सीखने की संस्कृति भी विकसित होगी। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि यह कार्यक्रम केवल एक अवसर नहीं है, बल्कि ऐसा ढाँचा तैयार करने की दिशा में कदम है, जिसे जिला स्तर पर स्थायी रूप से लागू किया जा सके और आगे बढ़ाया जा सके। तीन दिनों तक स्वयंसेवकों ने वरिष्ठ नागरिकों के साथ संवाद स्थापित किया, उनकी जीवन कहानियाँ सुनीं, डिजिटल सहयोग प्रदान किया, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया, खेलों और संगीत जैसी गतिविधियों के माध्यम से मनोरंजन किया, तथा रचनात्मक कार्य जैसे स्मृति पुस्तिका और हस्तशिल्प तैयार किए। उन्होंने स्वच्छता और स्वास्थ्य जागरूकता सत्रों में भी सहयोग किया और अंत में समूह चर्चा के माध्यम से अपने अनुभव साझा किए। दुर्गा कॉलेज की एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी सुनीता चंसौरिया ने कहा, “युवाओं का वृद्धजनों से मिलना और उनके जीवन अनुभवों से सीखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे बुज़ुर्गों के प्रति करुणा केवल एक सामाजिक मूल्य नहीं, बल्कि नागरिक कर्तव्य भी है।” कार्यक्रम में डॉ रात्रि लहीरी,कार्यक्रम अधिकारी, गुरुकुल महिला महाविद्यालय भी उपस्थित रहीं। इस कार्यक्रम से स्पष्ट हुआ कि ऐसे प्रयास वृद्धजनों के लिए आनंद और सामाजिक संवाद का अवसर लेकर आते हैं, वहीं युवाओं के लिए सहानुभूति, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को विकसित करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह कि इसने जिला स्तर पर एक संगठित और स्थायी स्वयंसेवी तंत्र बनाने की दिशा में मजबूत नींव रखी, जिससे आने वाले वर्षों में पीढ़ियों के बीच यह बंधन और मजबूत हो सके।

अक्टूबर 3, 2025 - 18:17
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अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर ‘माई भारत रायपुर’ ने जोड़े पीढ़ियों के दिल: वृद्धाश्रमों में तीन दिवसीय स्वयंसेवी कार्यक्रम