छोटे से गाँव खर्रा में भीड के बीचों बीच युवक की हत्या ,आखिर जिम्मेदार कौन ?

अक्टूबर 25, 2025 - 18:58
अक्टूबर 26, 2025 - 12:29
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छोटे से गाँव  खर्रा में भीड के बीचों बीच युवक की हत्या ,आखिर जिम्मेदार कौन ?

आज के युवा नशे के गिरफ्त में 

तेलीगुंडरा ,खर्रा ( Ashwani Sahu ) -- भाई दूज के ही दिन भीड के बीचों बीच किसी बहन की भाई का हत्या हो जाता हैं , मारने वाला भी किसी लडकी का भाई ही हैं , इस घटना की जितनी भी निंदा की जाय कम ही हैं  मामला पाटन तहसील के अन्तर्गत छोटे से गाँव खर्रा का हैं  ,सूत्रो से मिली खबर  के अनुसार युवक पास के ही  अपने गृह ग्राम रेंगाकठेरा ( रानीतराई  ) से समीप के गाँव खर्रा  मातर देखने आये थे जहाँ रात्रीकालीन छत्तीहगढी  साँकृतिक कार्यक्रम हो रहा था ,जिसे देखने बहाने मृतक  युवक खूबी राम साहू अपने प्रेमिका से सुनसान जगह पर बैठ बाते कर रहे थे ,जिसे अपराधी किस्म के लोग देख लिये , इस बीच मृतक  युवक खूबीराम डर के मारे जहाँ साँस्कृतिक कार्यक्रम हो रहा था वहाँ तेजगति से दौडते हुये जाकर डर के मारे सहमा सहमा सा बैठ गये ,जिसे अपराधी युवक  प्रेमिका लडकी की भाई सौरभ यादव उर्फ योगेश्वर वहाँ पहुँच गये और युवक को घसीटते हुये बाहर निकाला और भीड के बीच ही उसका घला रेत कर खुबीराम साहू की हत्या कर देता हैं और इस हत्या में तेलीगुंडरा निवासी मनीष यादव ,सन्नी ढीमर ( तेलीगुंडरा  ), आशिष साहू  ( खर्रा ) ,आकाश भारती (टिकरा पारा रायपुर )  शामिल रहें 

*आखिर मौत का जिम्मेदार कौन*


युवक की मौत हो जाती हैं और अपराधी गिरफ्तार कर लिये जाते हैं ,और उसे जेल दाखिला कर दिया जाता हैं ,पर पुलिस  व समाज का काम इतना ही हैं कि अपराधी को पकडकर जेल में डाल दिया जाय और आदालत उसे सजा देता रहे ,नहीं ऐसा नहीं होना चाहिये , हमे अपराध की प्रवृत्ति को समझना होगा  उसके जड में जाना होगा ,आज के युवा इतना हिंसक क्यो होते जा रहा हैं , जो छोटे छोटे बातो मे हत्या जैसे जघन्य अपराध क्यो हो रहा हैं या घटित हो रहा हैं ,इसे समझना बहुत जरुरी हैं ? 
हत्या होने से किसी का भाई सदा के लिये अपने बीच से चला जाता हैं ,किसी का बेटा चला जाता हैं ,किसी का पति चला जाता हैं ,जिसका भरपाई करना जीवन भर  नामुक्कीन हैं ।

*नशा का आसानी से मिल जाना ही हत्या का मूल वजह हैं*


जितना भी क्रिमनल हत्या होता हैं वहाँ पर अपराधी किसी न किसी प्रकार से नशा कि गिरफ्त में रहते है , जैसा कोई शराब ,गाँजे ,सुलेशन जैसे व अन्य चीजो का नशा करते हैं ।
जो उसे अपने ही बीच आसानी से मिल जा रहा हैं ,ये बंद होनी ही चाहिये ।

*नशे का विरोध हम सब को करना ही होगा*
आज सभी  समाज के युवक कुछ न कुछ नशे के आदि हो  गये हो गये हैं , इस पर हम सब को अंकुश लगाना ही होगा ,साथ ही इस मुद्दे पर सभी राज्य सरकार व केन्द्र को गंभीरथता  से सोचना ही होगा ,राजस्व बढाने के लिये जगह जगह शराब भट्ठा नहीं खोलना  चाहिये ,बल्कि इसे धीरे धीरे बंद  करनी चाहिये 
, नशे चीज  से राजस्व बढाने की परंपरा को सरकार को  छोडना ही चाहिये ,वहीं लोग शराब भट्ठे खोलने का विरोध तो करते हैं ,साथ ही हमें नये भट्ठे खुलने के विरोध के साथ ही साथ स्वयँ ही अपने आप में शराब पीने का विरोध करना पडेगा तभी ही शराब भट्ठी बंद हो पायेगा ।
बेवजह मारपीट ,हत्या व लूट की घटना में अंकुश लग पायेगा 
  पूरे छ.गढ में बढते अपराध को देखते हुये राज्य सरकार को अपने नये आबकारी एक्ट में सुधार कर नशाबंदी जैसी योजना लाना चाहिये ।