पति-सास को खोया, RAS मेंस परीक्षा से 7 दिन पहले बेटी खोई, कैसे लिखीं रोहिणी गुर्जर सफलता की इबारत,महिला और युवाओं के लिए बन चुकी मिसाल

‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत…’ यह कहावत आपने सुना होगा, लेकिन इसके जीते जागते मिसाल बन चुकी हैं राजस्थान की रोहिणी गुर्जर. रोहिणी के साथ करीब 2 सालों में अनगिनत दुर्घटनाएं हुई. वो टूटी और फिर खड़ी हुई… लेकिन हार नहीं मानी. रोहिणी अब 2023 परीक्षा में सफलता हासिल कर राजस्थान के साथ-साथ देश के महिला और युवाओं के लिए मिसाल बन चुकी है. राजस्थान की रोहिणी गुर्जर की है… रोहिणी गांव की घर गृहस्थी से निकलकर राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस परीक्षा 2023 (RAS 2023 Exam) में सफलता हासिल की है… रोहिणी की कहानी सिर्फ गांव से निकलकर RAS परीक्षा पास करने तक सीमित नहीं है. इस परीक्षा के दौरान उनके साथ अनगिनत दुर्घटनाएं हुई… इसके बावाजूद वो खुद सफलता की नई इबारत लिखीं. रोहिणी के साथ ऐसा दुर्भाग्य हुआ कि उनके पति की असामयिक मौत हो गई… इसके बाद वो काफी टूट गई. हालांकि दादी सास ने RAS परीक्षा की तैयारी करने के लिए काफी प्रेरित किया, जिसके बाद वो तैयारी शुरू की, लेकिन कुछ समय बाद दादी सास की भी मौत हो गई. रोहिणी के जीवन में हादसे यहीं तक नहीं रुकी. मेंस परीक्षा नजदीक थी… 7 दिन बाद एग्जाम होना था, लेकिन इस बीच उनके साथ एक और हादसा हो गया.. राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस 2023 की मेंस परीक्षा से लगभग 7 दिन पहले 10 वर्षीय बेटी की भी मौत हो गई… दरअसल, रोहिणी की 10 वर्षीय बेटी की अचानक तबीयत खराब हो गई और फिर उसकी भी मौत हो जाती है. बेटी की मौत से रोहिणी गुर्जर पूरी तरह टूट गई… उन्होंने परीक्षा में बैठने से साफ मना कर दिया. हालांकि ननद सहारा बनी और काफी समझाने के बाद वो परीक्षा देने के लिए तैयार हुई, लेकिन उनके जीवन में और इम्तिहान बाकी था… परीक्षा के दो दिन पहले रोहिणी गुर्जर के साथ दुर्घटना हो जाती है और इस हादसे में एक आंख बुरी तरह से चोटिल हो गई…जिसके बाद डॉक्टर ने एक आंख पर पट्टी बांध दी… इसके बावजूद रोहिणी ने हार नहीं मानी और एक आंख से मेंस परीक्षा की कॉपी लिखीं. बता दें कि रोहिणी 2003 में ग्रेजुएशन की परीक्षा दी थी… लेकिन ग्रेजुएशन के लगभग 20 साल बाद फिर से पढ़ाई शुरू की और 22वें साल में वो सफलता की नई इबारत लिखी. रोहिणी गुर्जर न केवल परिवार की जिम्मेदारियां निभाई बल्कि आरएएस 2023 परीक्षा में सफलता भी हासिल की. रोहिणी गुर्जर का चयन राजस्थान सहकारी सेवा के पद पर हुआ है. रोहिणी कहती हैं, ‘मैं 20 साल बाद फिर से पढ़ाई शुरू की. इस दौरान मैं कई बार बार टूटी, कई बार खड़ी हुई… लेकिन मैंने संकल्प ले लिया था कि मुझे यहां तक पहुंचना है, ताकि मेरे पति, दादी सास और बेटी को प्राउड हो सके…मैं सिंगल पैरेंट्स होने के बावजूद यहां तक पहुंची…’

नवंबर 29, 2025 - 22:06
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