इंजन बंद हुए, जज्बा नहीं... आखिरी पल तक विमान को बचाने के लिए संघर्ष करते रहे दोनों पायलट

जुलाई 12, 2025 - 15:29
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इंजन बंद हुए, जज्बा नहीं... आखिरी पल तक विमान को बचाने के लिए संघर्ष करते रहे दोनों पायलट

गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून, 2025 को हुए एअर इंडिया के प्लेन क्रैश मामले में एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में प्लेन क्रैश होने को लेकर फ्लाइट में क्या हो रहा था, इसे लेकर कई खुलासे किए गए हैं. 

एएआईबी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पायलटों ने दोनों इंजनों को आखिरी समय तक स्टार्ट करने की कोशिश की थी और कम से एक इंजन (इंजन-1) में रिकवरी शुरू भी हो गई थी. लेकिन इंजन 2 संभल नहीं सका.

एएआईबी रिपोर्ट के अहम खुलासे
एएआईबी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पायलटों द्वारा 'MAYDAY' कॉल देने के कुछ सेकंड पहले ही प्लेन को बचाने की आखिरी कोशिश की गई थी. 

आखिरी वक्त में क्या हुआ था?

रिपोर्ट के मुताबिक, "Mayday" कॉल आने से ठीक 13 सेकंड पहले, पायलटों ने इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच को "कटऑफ" से "रन" पर वापस किया यानि इसका मतलब होता है इंजन को दोबारा स्टार्ट करने की प्रक्रिया शुरू करना.

    दोपहर 1 बजकर 38 मिनट 52 सेकंड पर इंजन 1 का फ्यूल स्विच "रन" पर लाया गया.
    दोपहर 1 बजकर 38 मिनट 54 सेकंड पर एपीयू (सहायक विद्युत इकाई) इनलेट डोर खुलने लगी, जिससे इंजन स्टार्ट प्रक्रिया एक्टिव हुई.
    दोपहर 1 बजकर 38 मिनट 56 सेकंड पर इंजन 2 का स्विच भी "रन" पर किया गया.

इस प्रक्रिया के तहत एफएडीईसी (पूर्ण प्राधिकरण डिजिटल इंजन नियंत्रण) सिस्टम अपने आप फ्यूल और इग्निशन का कंट्रोल ले लेता है. दोनों इंजनों के ईजीटी (निकास गैस तापमान) में तेजी से बढ़त दिखी — ये रिलाइट का संकेत है.

Plane crash
एअर इंडिया प्लेन क्रैश की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा (Photo:PTI)

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इंजन 1 शुरू हो रहा था, इंजन 2 फेल

इंजन 1 की कोर डिसेलेरेशन (धीमा होना) बंद हो गया, और इंजन ने शुरुआत कर दी थी. 

इंजन 2 ने भी रिलाइट किया, लेकिन उसकी कोर स्पीड रुक नहीं सकी, और बार-बार फ्यूल दोबारा डाला गया, पर इंजन पूरी तरह रिकवर नहीं हो सका.

रिकॉर्डिंग कब रुकी?

दोपहर 1 बजकर 39 मिनट 11 सेकंड पर ईएएफआर (इंजन एयरक्राफ्ट फ्लाइट रिकॉर्डर) की रिकॉर्डिंग रुक गई — यानी तभी आखिरी तकनीकी डेटा रिकॉर्ड हुआ. 

हादसे में 260 लोगों की मौत
विमान हादसे के दौरान प्लेन में कुल 242 व्यक्ति सवार थे, जिसमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स. इस हादसे में महज़ बस एक यात्री की जान बच सकी. इसके अलावा, प्लेन का मलबा एक हॉस्टल और आसपास की इमारतों पर गिरा था, जिसमें 19 लोगों की मौत हुई. इस हादसे में कुल 260 लोगों की मौत हुई थी.