गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला बना इको-टूरिज्म पर्यटन का आदर्श केंद्र

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही । जिला हाल ही में छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर छा गया है। प्राकृतिक सम्पदा, हरे-भरे जंगल, मनमोहक झरने, ट्रैकिंग पथ और सांस्कृतिक विरासत जैसे अद्भुत तत्वों से भरपूर जीपीएम जिले को विश्व पर्यटन दिवस पर राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ इको-टूरिज्म साइट के प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया है। यह उपलब्धि सिर्फ एक पुरस्कार ही नहीं, बल्कि सतत पर्यटन विकास, स्थानीय आजीविका और पर्यावरण संरक्षण के साझा विजन का उदाहरण है। जिले के सबसे चर्चित पर्यटन स्थल राजमेरगढ़, ठाड़पथरा, लक्ष्मणधारा, झोझा जलप्रपात, माई का मड़वा की संरचना और संचालन में पर्यावरण संतुलन का खास ध्यान रखा गया है। पर्यटन के हर कदम में जैव विविधता को संरक्षित करते हुए पर्यटन सुविधाओं का विस्तार किया गया। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला बनाजीपीएम जिले की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां पर्यटन का विकास स्थानीय सहभागिता के माध्यम से हो रहा है। ग्रामीण स्तर की पर्यटन समितियों के माध्यम से ट्रैकिंग, कैंपिंग, होम-स्टे, मड हाउस जैसी सुविधाएं स्वरोजगार के साथ संचालित की जा रही हैं। धनपुर का पुरातात्विक महत्व, मलनिया डेम की जल क्रीड़ाएं और बस्ती-बगरा जैसी ग्रामीण पर्यटन जिले को और भी व्यापक आकर्षण प्रदान करती हैं। जिले ने पर्यटन सेवाओं के लिए एक डिजिटल पोर्टल भी शुरू किया है, जिससे पर्यटक सहज ही बुकिंग सुविधा और पर्यटन क्षेत्रों की जानकारी ले सकते हैं। इससे क्षेत्रीय पर्यटन को डिजिटल रूप में देश-विदेश तक फैलाने में मदद मिल रही है। राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ इको-टूरिज्म पुरस्कार के साथ जीपीएम जिला अब छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों के लिए आदर्श मॉडल बन गया है। प्रशासन का प्रयास “पर्यावरण संरक्षण व स्थानीय भागीदारी के साथ पर्यटन” सतत विकास का उत्कृष्ट उदाहरण है। जीपीएम की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने केवल जिले ही नहीं, पूरे राज्य की प्रतिष्ठा बढ़ा दी है। जैव विविधता, सांस्कृतिक विरासत और नवाचार के सफल समावेश से यह इको-टूरिज्म का आदर्श केन्द्र बन चुका है, जहां हर कदम पर प्रकृति, संस्कृति और सामुदायिक विकास का संतुलन है।

अक्टूबर 2, 2025 - 15:30
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गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला बना इको-टूरिज्म पर्यटन का आदर्श केंद्र