धरना प्रदर्शन आंदोलन को उगाही का जरिया न बनाए जिला प्रशासन, मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप कर तुकलगी फरमान को निरस्त करने की मांग

भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने प्रशासन का आदेश जिसमें रायपुर नगरनिगम क्षेत्र में धरना प्रदर्शन आंदोलन करने पर पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन और फायर ब्रिगेड के अनापत्ति प्रमाणपत्र मिलने के बाद नगर निगम रायपुर में आवेदन देकर साथ में निर्धारित रकम का भुगतान करने पर ही रायपुर शहरी क्षेत्र में धरना प्रदर्शन आदि की अनुमति देने के निर्देश पर विरोध जताया है और जनहित में इसे तुरंत निरस्त करने की मांग की है। जिला प्रशासन द्वारा बार बार धरना प्रदर्शन स्थल को बदल कर लोकतांत्रिक अधिकार को दबाने के प्रयास में असफल होने के बाद इस चक्कर पे चक्कर लगवाकर परेशान करने के नीयत से जारी फरमान के माध्यम से फिर से की जा रही दमनात्मक नीति की निंदा की है। जारी विज्ञप्ति उन्होंने आगे बताया है कि छत्तीसगढ़ में अपने मांगो पर शासन का ध्यान का आकर्षण हेतु मजबूर होकर धरना प्रदर्शन रैली आदि का कदम उठाते हैं ऐसा करना कोई शौक नहीं है न ही धंधा है। इसे लेकर प्रशासन पर उगाही का जरिया बनाने वाला कार्य करने का आरोप लगाया है। जंतर मंतर दिल्ली सहित पूरे देश में कहीं ऐसा फरमान की जानकारी नहीं है फिर जिला प्रशासन की ओर से इस प्रकार के निर्देश से कर्मचारी, सामाजिक , सांस्कृतिक संगठनों में रोष व्याप्त है और इस निर्देश पर राजनैतिक दलों की चुप्पी पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए आदेश के विरोध में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को ज्ञापन भेज कर इसे संज्ञान में लेकर तत्काल इस तुगलकी फरमान पर रोक लगाने की मांग की है। जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव, कार्यकारी अध्यक्ष जे पी मिश्रा, महामंत्री अनिल गोल्हानी, संगठन मंत्री टी पी सिंह, कोषाध्यक्ष बी एस दसमेर, संभागीय अध्यक्ष प्रवीण कुमार त्रिवेदी, दैनिक वेतन भोगी सेवानिवृत कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अनिल पाठक, रायपुर जिला अध्यक्ष आर जी बोहरे सचिव ओ डी शर्मा आदि ने छत्तीसगढ़ सरकार से जन हित में इस मामले पर तत्काल हस्तक्षेप कर इस आदेश को निरस्त करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने का आग्रह किया है।

नवंबर 3, 2025 - 12:47
 0  56
धरना प्रदर्शन आंदोलन को उगाही का जरिया न बनाए जिला प्रशासन, मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप कर तुकलगी फरमान को निरस्त करने की मांग