6 फरवरी 2026 तक नहीं होंगे ट्रांसफर, SIR के चलते फैसला

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में सभी तबादलों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध 6 फरवरी 2026 तक लागू रहेगा। कारण — भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) का काम शुरू हो चुका है। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि पुनरीक्षण कार्य के दौरान इससे जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला नहीं किया जा सकेगा। इस संबंध में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) यशवंत कुमार ने सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) को पत्र भेजा था। जिसके बाद विभाग ने 30 अक्टूबर 2025 को आदेश जारी किया, हालांकि राज्योत्सव और प्रधानमंत्री की रायपुर यात्रा के चलते यह आदेश सार्वजनिक रूप से अब जारी किया जा सका है। इन पदों पर लागू रहेगा तबादला प्रतिबंध प्रतिबंध कलेक्टर, एडिशनल कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, और बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर्स) समेत सभी संबंधित कर्मचारियों पर लागू रहेगा। बताया जा रहा है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य के लिए बड़ी संख्या में शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी पर लगाया गया है, इसलिए उनका तबादला भी फिलहाल रोका गया है। 1 नवंबर से शुरू, 6 फरवरी तक चलेगा पुनरीक्षण मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण 1 नवंबर 2025 से 6 फरवरी 2026 तक चलेगा। इस दौरान केवल मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की विशेष अनुमति से ही ट्रांसफर किए जा सकेंगे। यह वही प्रक्रिया है जो आमतौर पर चुनाव आचार संहिता के दौरान लागू होती है, ताकि किसी भी स्तर पर निर्वाचन कार्य प्रभावित न हो। कलेक्टरों की प्रस्तावित सूची भी अटकी राज्य सरकार 6 या 7 नवंबर को कलेक्टरों के सीमित तबादले की एक सूची जारी करने वाली थी, जिसमें 2 से 3 नाम शामिल थे। लेकिन अब ट्रांसफर बैन के चलते यह प्रक्रिया टल गई है। कलेक्टरों का ट्रांसफर रोकने के पीछे यह भी कारण है कि वे पदेन जिला निर्वाचन अधिकारी होते हैं और पुनरीक्षण कार्य उनके नेतृत्व में संपन्न होता है। विशेष अनुमति से ही हो सकेंगे तबादले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की अनुमति मिलने पर ही सरकार विशेष परिस्थितियों में किसी अधिकारी का ट्रांसफर कर सकेगी। अधिकारियों के मुताबिक, यह प्रतिबंध संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

नवंबर 4, 2025 - 15:29
 0  10
6 फरवरी 2026 तक नहीं होंगे ट्रांसफर, SIR के चलते फैसला