छत्तीसगढ़ी राजभाषा को सरकारी कामकाज और पढ़ाई लिखाई का माध्यम बनवाने संकल्पित हैं बुजुर्ग व युवा

पाँचवीं तक पढ़ाई महतारी भाषा छत्तीसगढ़ी में करने की माँग रायपुर। मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी के तत्वाधान में साहू भवन टिकरापारा में एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें प्रदेश सरकार से नई शिक्षा नीति के तहत राज्य भाषा छत्तीसगढ़ी में पाँचवीं तक की पढ़ाई अनिवार्य करने की माँग उठी। इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए मोर चिन्हारी के वैभव बेमेतरिहा ने बताया कि छत्तीसगढ़ी राज्य की भाषा है, इसके माध्यम से पढ़ाई लिखाई और सरकारी कामकाज अनिवार्य रूप से होना ही चाहिए। और इसके लिए चरणबद्ध तरीके से अलग अलग कार्य योजना बनाई गई है। सोमवार 24 नवंबर को समाज प्रमुख, कलाकार, पत्रकार व साहित्यकार लोगों की एक बड़ी बैठक आयोजित की गई है जिसमें इससे संबंधित सुझाव लिए जाएँगे। उसके बाद 28 नवंबर को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के दिन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात कर इस संदर्भ में अपनी मांग रखेंगे। बैठक में छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संरक्षक नंदकिशोर शुक्ला एवं छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी के संगठन सचिव जागेश्वर प्रसाद विशेष रूप से उपस्थित थे। नंदकिशोर शुक्ला ने कहा कि सुनियोजित तरीके से छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा को हाशिए पर लाने की कोशिश की जा रही है। भाजपा के संकल्प पत्र तक में पांचवी तक की पढ़ाई महतारी भाषा में करने का वादा है, जिसे मौजूदा सरकार को अवश्य पूरा करना चाहिए। वहीं जागेश्वर प्रसाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को मान सम्मान दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ के समाज के सभी लोगों को बढ़ चढ़कर आगे आना चाहिए। इस बैठक में छत्तीसगढ़ी कवि मीर अली मीर, गीतकार रामेश्वर शर्मा, किसान नेता वेगेंद्र सोनबेर, रघुनन्दन साहू, गौरीशंकर श्रीवास, पत्रकार राम अवतार तिवारी, वैभव पांडे बेमेतरिहा, अंशुमान शर्मा, समरेंद्र शर्मा, देवेश तिवारी, तेज साहू, कलाकार चंद्रशेखर चकोर, गोविंद धनगर, रमादत्त जोशी बहिनी, संजीव साहू, जगेश्वर सहित अलग-अलग विधाओं में पारंगत लोग उपस्थित थे।

नवंबर 16, 2025 - 20:54
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छत्तीसगढ़ी राजभाषा को सरकारी कामकाज और पढ़ाई लिखाई का माध्यम बनवाने संकल्पित हैं बुजुर्ग व युवा
छत्तीसगढ़ी राजभाषा को सरकारी कामकाज और पढ़ाई लिखाई का माध्यम बनवाने संकल्पित हैं बुजुर्ग व युवा