मानवता की डोर थामे एक पहल— जहाँ कदम थक जाएँ, वहाँ ‘सुलभ पोर्टर सेवा’ से नई उम्मीद

दुर्ग– भिलाई की भीड़भाड़ के बीच जवाहारलाल नेहरु चिकित्सालय का एक कोना ऐसा भी है, जहाँ रोज़ सैकड़ों कदम रुक जाते हैं थकान से नहीं, बल्कि इस एहसास से कि वे अकेले नहीं हैं। कोई वृद्ध जिसके साथ घर से कोई नहीं आया, कोई दुर्घटना पीड़ित जो चल पाने में असमर्थ है, या कोई ऐसा मरीज जिसका हाथ पकड़ने वाला भी न हो— इन सबके लिए 01 अक्टूबर, 2024 से भिलाई इस्पात संयंत्र ने एक ऐसी पहल शुरू की है, जिसने अस्पताल की संवेदनशीलता को एक नई पहचान दी है।

दिसम्बर 10, 2025 - 19:09
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मानवता की डोर थामे एक पहल— जहाँ कदम थक जाएँ, वहाँ ‘सुलभ पोर्टर सेवा’ से नई उम्मीद