राजनीति ह नवा-नवा महापुरुष अउ दिवस गढ़त रहिथे जी भैरा...

राजनीति ह नवा-नवा महापुरुष अउ दिवस गढ़त रहिथे जी भैरा. -कइसे का होगे जी कोंदा? -हमर देश म चौधरी चरणसिंह के जनमदिन 23 दिसंबर ल राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप म मनाए जाथे ना.. फेर अब एदे पौराणिक पात्र बलराम के जयंती ल 9 सितम्बर के राष्ट्रीय किसान दिवस मनाए जाही काहत हें. -फेर बलराम के जयंती ल ए मन हलषष्ठी के रूप म पहिली च ले मना डारे हें ना, त फेर अउ कहाँ ले के पइत जयंती आगे? -अरे.. राजनीति ह जेन कर लय.. सब माफी हे वोकर मन बर. -तभो ले जी.. राजनीतिक मनखे के बलदा पौराणिक पात्र लेना रिहिसे, त राजा जनक ल लेना रिहिसे, जेकर नॉंगर जोते म माता सीता ह अवतरे रिहिसे. -टार बुजा ल मैं ए राजनीति वाले मन के चोचला म नइ परंव.. हमर मन के असली किसान दिवस तो अक्ती परब ह आय, जे दिन हमन किसानी के शुरूआत करथन.. बिहनिया बेरा बइगा बबा के सिद्ध करे धान के बिजहा ल अपन खेत म बोथन.. मूठ धरथन अउ संझा बेरा सौंजिया, पहाटिया जइसन पौनी पसारी अउ खेतिहर श्रमिक मन के नियुक्ति करथन.

सितम्बर 9, 2024 - 14:59
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राजनीति ह नवा-नवा महापुरुष अउ दिवस गढ़त रहिथे जी भैरा...