राज्य में महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) देने में दोहरी नीति के विरोध में अब कर्मचारी जगत को एकजुट होने की जरूरत - वीरेन्द्र नामदेव

** भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों और बिजली विभाग में पेंशनरों सहित सबको केन्द्र के समान डीए डीआर का लाभ एक ही राज्य में दोहरी नीति है. ** कर्मचारी संगठनों में आपसी मतभेद - मनभेद की वजह से सरकार की मनमानी. ** नया रायपुर के मंत्रालय और संचालनालय में भी एकमत नहीं होने का नुकसान उठा रहे है कर्मचारी जगत. **दिवाली में बिना एरियर डीआर आदेश की होली जलाएंगे पेंशनर्स. प्रदेश के वरिष्ठ कर्मचारी नेता भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए डीआर स्वीकृत करने में पिछले कई वर्षों से दोहरी नीति अपना रही है, एक ओर राज्य के बजट से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को केन्द्र सरकार के बराबर एरियर सहित डीए डीआर का नगद भुगतान कर रही है। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में बिजली विभाग में कार्यरत अधिकारियों - कर्मचारियों और पेंशनरों को केन्द्र सरकार के आदेश जारी होने के तुरंत बाद उसी अनुरूप केन्द्र के देय तिथि तथा दर पर डीए डीआर दिया जाता है। हाल ही में बिजली विभाग में 14 अक्टूबर 25 को केंद्र के बराबर 58% डीए डीआर एरियर सहित देने के आदेश जुलाई 25 किया गया है। वहीं दूसरी ओर राज्य में सिविल सेवा के अधिकारियों कर्मचारियों और पेंशनरों के साथ घोर अन्याय किया जा रहा है। एक ही राज्य में इस दोहरी नीति का राज्य के कर्मचारी जगत में सक्रिय सभी कर्मचारी संगठनों एकजुट होकर अब विरोध करना जरूरी हो गया है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के पूर्व प्रांतीय प्रवक्ता, छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने कर्मचारी संगठनों को अपनी अलग अलग रहने की सनक को छोड़कर केवल डीए डीआर के एरियर मामले को लेकर अब सबको साथ आना चाहिए। कई वर्षों एरियर हजम करने परम्परा को नेस्तनाबूत करने के लिए सबका एकसाथ होना ही एकमात्र हल है। इसे सबको समझना होगा। राज्य में कर्मचारी संगठनों में फूट का खामियाजा राज्य में बुजुर्ग पेंशनरों को भी भुगताना पड़ रहा है क्योंकि वे आपसी श्रेय के चक्कर में कई गुटों में बटे होने के कारण खुद के लिए केन्द्र के समान डीए लेने सफल नहीं हो पा रहे है और मोदी के गारंटी में आश्वासन के बावजूद केंद्र के बराबर देय तिथि से एरियर का नुकसान उठा रहे है। क्योंकि कभी फेडरेशन एक से अधिक मांगो को लेकर आंदोलन हड़ताल करने की कोशिश करता है और छोटे मोटे मांगो पर आश्वासन पाकर खुश होकर बिना एरियर डीए की घोषणा होते ही सरकार के प्रति आभार प्रदर्शन की होड़ में लग जाते हैं तो कभी दूसरा गुट कर्मचारी मोर्चा भी सरकार को केवल लिखित चेतावनी देकर फिर कुछ माध्यमों को पकड़कर मंत्री मुख्यमंत्री से भेंट करके अखबारों में फोटो छपाकर अपना श्रेय दिखाकर खुश हो लेते है। राज्य में लगभग सभी संगठनों का यही हाल है।नया रायपुर में राज्य के मंत्रालय और संचालनालय के कर्मियों के खेमे में बटे होने का फायदा सरकार उठा रही है। दोनों के अलग अलग खेमों बटे होने के कारण जायज मांगो को लेकर मंत्रालय और संचालनालय के दफ्तर में आंदोलन हड़ताल सफल नहीं होता है और सरकार पर कोई दबाव नहीं बनता है। इसलिए राज्य के कर्मचारियों की जायज मांगों पूरी नहीं होती। यदि यही स्थिति बनी रही सरकार पर आंदोलनों का कोई असर नहीं होगा। जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के धारा 49 के परिपालन में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 25 अक्टूबर 25 को मध्यप्रदेश सरकार से बिना एरियर पेंशनरों को 2% प्रतिशत महंगाई राहत देने की सहमति मांगा गया था जिसपर मध्यप्रदेश सरकार ने 50 दिन बाद 15 अक्टूबर 25 को सहमति देकर मध्यप्रदेश के पेंशनरों के लिए 2% महंगाई राहत के आदेश जारी किया है। ऐसा बताया जाता है कि मध्यप्रदेश ने अपने कर्मचारियों की डीए भांति पेंशनरों को भी एरियर सहित डीआर का लाभ जनवरी 25 ही दिया जाय। दोनों राज्य के बीच सहमति असहमति के कारण डेढ़ माह बाद मध्यप्रदेश में डीआर के आदेश हो पाया और अब आज कल में बिना एरियर सितम्बर पेड अक्टूबर 25 से मध्यप्रदेश के अनुरूप आदेश दीपावली त्यौहार के पहले देकर सरकार ढीण्डोरा पीटने की तैयारी में है। इसे लेकर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश में बिना एरियर आदेश का दीपावली में होली जलाकर विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है। जारी संयुक्त विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भूपेन्द्र कुमार वर्मा दुर्ग, महिला प्रकोष्ठ प्रमुख द्रौपदी यादव पत्थलगांव जशपुर, राष्ट्रीय मंत्री रामनारायण ताटी जगदलपुर, पूरन सिंह पटेल रायपुर तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्रा,महामंत्री अनिल गोल्हानी, प्रदेश संगठन मंत्री टी पी सिंह, कोषाध्यक्ष बी एस दसमेर, संभागीय अध्यक्ष प्रवीण कुमार त्रिवेदी रायपुर, राजेश कश्यप बिलासपुर, गुरुचरण सिंह अंबिकापुर, आर एन ताटी जगदलपुर, बी के वर्मा दुर्ग, केंद्रीय सेवानिवृत अधिकारी कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुरेश मिश्रा रायपुर,सेवानिवृत दैनिक वेतन भोगी कार्यभारित प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अनिल पाठक रायपुर तथा प्रदेश के विभिन्न जिले के अध्यक्ष खोड़स राम कश्यप बलौदाबाजार, आर जी बोहरे रायपुर, आई सी श्रीवास्तव राजनांदगांव, राकेश जैन बिलासपुर, परमेश्वर स्वर्णकार जांजगीर चांपा, रमेश नंदे जशपुर, अभय शंकर गौराहा रायगढ़, देवनारायण साहू सारंगढ़, एम एल यादव कोरबा,ओ पी भट्ट कांकेर, आर डी झाड़ी बीजापुर, एस के देहारी नारायणपुर, एस के धातोड़े कोंडागांव, पी एन उड़कुड़े दंतेवाड़ा, शेख कासिमुद्दीन सुकमा, प्रेमचंद गुप्ता वैकुंठपुर, माणिक चंद्र अंबिकापुर, राजेन्द्र पटेल, बलरामपुर, संतोष ठाकुर सूरजपुर, आर ए शर्मा गौरेला पेंड्रा मरवाही, सतीश उपाध्याय मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर, हरि प्रसाद मिश्रा सक्ती, भैया लाल परिहार मु

अक्टूबर 16, 2025 - 14:43
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राज्य में महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) देने में दोहरी  नीति के विरोध में अब कर्मचारी जगत को एकजुट होने की जरूरत - वीरेन्द्र नामदेव