एआई की नैतिकता रेडियो फार्मास्युटिकल अनुसंधान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की चुनौतियाँ और शासन

(Ashwani sahu)रॉयल कॉलेज ऑफ फार्मेसीए रायपुर, मुंबई में परमाणु विज्ञान अनुसंधान बोर्ड द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसका विषय एआई की नैतिकता रेडियो फार्मास्युटिकल अनुसंधान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की चुनौतियां और शासन। यह राष्ट्रीय सम्मेलन रेडियो फ़ार्मास्युटिकल अनुसंधान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग को बढ़ावा दे रहा हैए जो महत्वपूर्ण नैतिक चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है और एक मज़बूत शासन ढाँचे की आवश्यकता को दर्शाता है। मुख्य चिंताओं में डेटा गोपनीयता, पूर्वाग्रह की संभावनाए पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता, विशेष रूप से रोगी कल्याण और लाभों तक उचित पहुँच के संबंध में शामिल हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता में अपने शोधए व्यावहारिक अनुभवों और चुनौतियों को साझा करने और आदान.प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में उद्घाटन के मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ दीपेंद्र सिंह यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी पण्डित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर और समापन समारोह में प्रोफेसर डॉ अंबर व्यास यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसीए पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर उपस्थित थे। इसके अलावा डॉ आलोक कुमार देवांगन सीनियर रेजिडेंट रेडिएशन ऑन्कोलॉजीए शासकीय महाविद्यालय महासमुंद ने रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक व्याख्यान दिया। डॉ भारत भूषण कंसल्टेंट . सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और अमृता अस्पतालए टाटीबंधए रायपुर के निदेशक ने आधुनिक चिकित्सा में विकिरणरू निदान और चिकित्सा में रेडियोफार्मास्युटिकल्स की भूमिका पर खोज की। Dr.अखिलेश साहू कंसल्टेंट . रेडिएशन ऑन्कोलॉजीए नारायण हेल्थ एमएमआई अस्पताल पचपेड़ी नाका रोडए लालपुर कैंसर में थेरानोस्टिक रेडियोफार्मास्युटिकल्सरू लक्षित थेरेपी और इमेजिंग को जोड़ना विषय पर एक और व्याख्यान डॉण् एजाजुद्दीनए रजिस्ट्रार और कार्यकारी निदेशकए रूंगटा इंटरनेशनल स्किल्स यूनिवर्सिटीए भिलाई द्वारा दिया गया। अंतिम व्याख्यान प्रोण् डॉण् मानस रंजन मिश्राए फार्माकोग्नॉसी विभागए गायत्री कॉलेज ऑफ फार्मेसीए संबलपुर ; द्वारा दिया गया जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चर्चा की गई जो थेरानोस्टिक्स की भविष्यवाणी व्यक्तिगत उपचार योजना का मार्ग प्रशस्त करती है। इस सम्मेलन के लिएए श्रीबालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसीए आरआईटीईईए रूंगटा कॉलेजए पंण् रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय यूआईओपीए जीजीयू सेंट्रल यूनिवर्सिटीए चौकसे कॉलेज इत्यादि जैसे विभिन्न कॉलेजों से कुल 300 से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिए और पोस्टर के रूप में अपने शोध कार्य प्रस्तुत करने के लिए पंजीकरण कराया। इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरानए अध्यक्ष श्री तोषण चंद्राकरए सचिव श्री कमल चंद्राकरए प्राचार्य और संयोजक डॉ दीपक कुमार दास, आयोजन सचिव डॉ अनिल कुमार साहू, डॉ रुद्र प्रताप सिंह राजपूत, संयुक्त आयोजन सचिव डॉ रजनी कांत पनिक और रॉयल कॉलेज ऑफ फार्मेसी रायपुर के शिक्षण स्टाफ ने प्रस्तुति दी।

दिसम्बर 7, 2025 - 10:18
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एआई की नैतिकता रेडियो फार्मास्युटिकल अनुसंधान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की चुनौतियाँ और शासन