महाराष्ट्रीयन परंपरा अनुसार तुलसी विवाह का कार्यक्रम

आज तीन नवंबर महाराष्ट्रीयन परंपरा अनुसार तुलसी विवाह का उषा प्रशांत शिरसागर तुलसी विवाह का कार्यक्रम किया गया तुलसी माता शालीग्राम सुंदर नये वस्त्र बनाया गया तुलसी माता का सिंगार चुडी बिंदी मला हळदी कुंकुम पूजा के समान नारियल फल शिंगाडा आवला फल फुलमाला भेट किया गया तुलसी माता की आरती महाराष्ट्रीयन परंपरा उषा प्रशांत शिरसागर मंडलाष्टक बोल कर तुलसी विवाह संपन्न किया जय तुलसी मैया की जय हो शालिग्राम भगवान की जय हो जय घोष किया गयातुलसी-शालिग्राम विवाह की तिथि क्या है? हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 2 नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 3 नवंबर को सुबह 05 बजकर 07 मिनट तक रहने वाली है. ऐसे में ज्योतिषविदों का कहना है कि तुलसी-शालिग्राम विवाह 2 नवंबर को करना ही ज्यादा उचित होगा. तुलसी-शालिग्राम विवाह पर शुभ योग इस बार तुलसी-शालिग्राम विवाह के शुभ अवसर पर दो शुभ योग बनने वाले हैं. द्रिक पंचांग के अनुसार, 2 नवंबर को दोपहर करीब 1 बजे से लेकर रात 10 बजकर 33 मिनट तक त्रिपुष्कर योग रहने वाला है. फिर रात 10 बजकर 34 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 34 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. इस दुर्लभ संयोग के चलते तुलसी विवाह का महत्व और अधिक बढ़ गया है.तिलकामांझी महावीर मंदिर के पंडित आनंद झा ने बताया कि देवोत्थान एकादशी को श्रीहरि के जाग्रत होने के बाद द्वादशी तिथि को तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराने की परंपरा है, जिसे सामान्य विवाह की तरह धूमधाम से निभाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी को तुलसी पूजन और तुलसी विवाह कराने से कन्यादान के समान फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक मास में तुलसी विवाह का विशेष महत्व माना गया है। कार्तिक शुक्ल नवमी को विवाह का शुभ मुहूर्त उत्तम माना जाता है। श्रद्धालु मानते हैं कि तुलसी, जिन्हें विष्णु प्रिया कहा गया है, उनके विवाह से घर परिवार पर शुभता और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

नवंबर 3, 2025 - 19:47
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महाराष्ट्रीयन परंपरा अनुसार तुलसी विवाह का कार्यक्रम